हरियाणा

कोरोना के बाद मजबूत हुआ अस्पतालों में बुनियादी ढांचा: डा. कमल गुप्ता

टीम एक्शन इंडिया/चंडीगढ़
हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि कोरोना महामारी के पश्चात सरकार द्वारा उठाए गए कदम के तहत प्रदेश के अस्पतालों में बुनियादी ढांचा मजबूत किया गया है। वे बुधवार को यहां विधानसभा के बजट सत्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज की अनुपस्थिति में लगाए गए एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। यह मामला चिरंजीव राव ने सदन में उठाया। निकाय मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा दिनांक 11 मार्च 2020 को महामारी रोग अधिनियम 1987 के तहत जारी की गई अधिसूचना को मद्देनजर रखते हुए जिला स्तर पर निर्णय लेने तथा कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया गया था। इसके साथ ही परीक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए 26 सरकारी मॉलिक्यूलर लैब स्थापित की गई तथा 26 गैर सरकारी लैब के साथ एम.ओ.यू.भी साइन किया गया। इसके अलावा, इन सरकारी मॉलिक्यूलर लैब का उपयोग अन्य संक्रामक एजेंटों जैसे हेपेटाइटिस, एच1एन1 इत्यादि के परीक्षण के लिए भी किया जा रहा है। कुल प्रयोगशालाएं-52 संख्या (सरकारी लैब 26) (गैर सरकारी लैब के साथ एमओयू-26) हैं। उन्होंने बताया कि पीएसए प्लांट, आॅक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, बाईपैप, हाईफलो नेजल कैन्युला, आॅक्सीजन सिलेंडर, आई.सी.सू. बैड, आॅक्सीजन बैड, आईसोलेशन बेड, गैस पाइपलाइन, डीजल जेनरेटर सैट आदि स्वास्थ्य संस्थाओं को प्रदान किए गए थे तथा उपकरणों के उपयोग के लिए उपयोगकतार्ओं / पैरामेडिकल स्टाफ को उपकरणों के संचालन के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया था। उन्होंने बताया कि जिला हिसार और पानीपत में 500 बिस्तरों वाले दो अस्थाई अस्पताल स्थापित किए गए। उन्होंने बताया कि कोविड मामलों का प्रबंधन स्वास्थ्य संस्था में 3 स्तरों पर किया गया था जिसके तहत हल्के मामलों को होम आइसोलेट व कोविड देखभाल केंद्रों में आइसोलेट किया गया था। मध्यम मामलों का इलाज नामित कोविड स्वास्थ्य केन्द्रों में किया गया जो जिला अस्पतालों में बनाए गए थे।
गंभीर मामलों का इलाज सरकारी तथा गैर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नामित कोविड अस्पतालों में किया गया था।

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