
टेक कंपनियों में छंटाई से चिंतित केजरीवाल
नई दिल्ली/टीम एक्शन इंडिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने टेक कंपनियों में इन दिनों चल रही छटनी की प्रक्रिया पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को स्थिति का सही आकलन करके उचित कदम उठाने की सलाह दी है। बीते कुछ समय में अमेरिका समेत बहुत से देशों में कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने अपने यहां भारी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला है। केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘कळ सेक्टर में बहुत बड़े स्तर पर युवाओं को निकाला जा रहा है। केंद्र सरकार को चाहिए कि भारत की स्तिथि की समीक्षा करे और उचित कदम उठाए’ इस महीने की शुरूआत में ही माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नाडेला ने कहा कि कंपनी 10 हजार कर्मचारियों को निकालेगी। यह कंपनी के कुल कर्मचारियों का पांच प्रतिशत है।
नाडेला ने यह घोषणा करते हुए कहा कि हमारे लिए यह करना बेहद मुश्किल है लेकिन वर्तमान आर्थिक अनिश्चितता की परिस्थितियों को देखते हुए हमें यह कदम उठाना पड़ रहा है। कर्मचारियों को बड़ी संख्या में निकालने वाली माइक्रोसॉफ्ट सबसे नई कंपनी है। इससे पहले फेसबुक और अमेजन जैसी टेक कंपनियां पहले ही हजारों को कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी हैं। वर्तमान की परिस्थितियों को नाडेला ने महत्वपूर्ण बदलाव का दौर कहा है। उन्होंने कहा, जिन ग्राहकों ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने डिजिटल खर्च को बढ़ाया था, वे अब इसे कम खर्च में अधिक करने के लिए अनुकूलित कर रहे हैं। केजरीवाल को सिंगापुर जाने से रोकने पर केंद्र और एलजी को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने की अनुमति नहीं देने के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार और दिल्ली के उप-राज्यपाल को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है। इससे पहले इस मामले में कोर्ट ने 29 अगस्त 2022 को नोटिस जारी किया था।
कोर्ट ने विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को भी नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। यह याचिका दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दायर की है। याचिका में विदेश यात्रा पर एक विस्तृत दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को सिंगापुर जाने की अनुमति नहीं देना गैरकानूनी है। याचिका में कोर्ट से आधिकारिक और व्यक्तिगत विदेश यात्राओं के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के उप-राज्यपाल ने केजरीवाल को सिंगापुर में मेयर्स के सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति नहीं दी थी। उप-राज्यपाल ने कहा था कि सिंगापुर में मेयर्स का सम्मेलन है और उसमें मुख्यमंत्री का जाना जरूरी नहीं है।