जाइका की नर्सरी से हिमाचल में हरियाली की पाठशाला
टीम एक्शन इंडिया/शिमला/चमन शर्मा
जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी जाइका की नर्सरी से हिमाचल में हरियाली की पाठशाला चल रही है। ताकी प्रदेश में गुणवत्तायुक्त पौधे तैयार कर उसे बेहतर तरीके से रोपा जा सके। जाइका के अंतर्गत प्रदेश में 66 रेंज और 6 सर्कल स्तर पर विकसित नर्सरियों में 55 से अधिक पेड़ों की प्रजातियों के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। चिलगोजा, छरमा, देवदार, बान, तोष समेत 55 पेड़ों की प्रजातियों वाले पौधे उक्त नर्सरियों में उपलब्ध हैं। जाइका प्रोजेक्ट के माध्यम से इन नर्सरियों की क्षमता लगभग 80 लाख पौधे की बढ़ोतरी की गई है। इस साल लगभग 44 लाख पौधे तैयार किए गए हैं। कुल मिलाकर जाइका परियोजना के तहत चल रही नर्सरियां अपने आप में एक मिसाल बन चुकी है। प्रदेश के हर जलवायु में रोपने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पौधे तैयार किए जा रहे हैं। यह प्रयास हिमाचल में हरित आवरण को वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत बढ़ाने के लिए ही परियोजना का अहम योगदान है। उल्लेखनीय है कि जाइके के तहत तैयार की जा रही पौधे की प्रजातियों तथा बुनियादी ढांचों के संबंध में बेहतर सुधार भी किए जा रहे हैं।
जाइका के मुख्य परियोजजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने गत दिनों प्रदेश की सभी नर्सरियों का रिव्यू कर पौधे की प्रजातियों तथा बुनियादी ढांचे के संबंध में कुछ सुधार करने के सुझाव भी दिए। बताया गया कि जाइका प्रोजेक्ट के तहत चल रही नर्सरियों में अत्याधुनिक तकनीक द्वारा पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त उक्त सभी नर्सरियों में पौधों का पानी की बेहतर सुविधाएं, केचुआ खाद, ग्रीन हाउस, इंटरलिंक चेन, फेंसिंग इत्यादी की सुविधा भी परियोजना से प्रदान की गई है ताकी गुणवत्तापूर्ण पौधे नर्सरियों में तैयार हो सके। हिमाचल प्रदेश में पहली बार छरमा की नर्सरी तैयार करने में जाइका परियोजना का सबसे बड़ी भूमिका रही। जिला लाहौल-स्पीति में तैयार होने वाले छरमा एक औषधीय गुण वाला पौधा है। जिसकी नर्सरी वाइल्ड लाइफ स्पीति व लाहौल के सीसू में तैयार की गई है।
इसके अलावा सीसू और शैगो नर्सरी में भी छरमा के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आर्थिकी एवं औषधीय गुणों वाले चिलगोजा के पौधे जिला किन्नौर की छोल्टू नर्सरी में तैयार किए जा रहे हैं। वहीं फ ोरेस्ट डिविजन देहरा में चंदन के 10 हजार पौधे तैयार किए जा रहे हैं। हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का संकल्प हरित और सतत विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए जाइका वाणिकी के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य बनाना इस प्रोजेक्ट की मुख्य प्राथमिकता है। इस दिशा में परियोजना की टीम ने कई पहल की हैं। भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि जाइका द्वारा वित्तपोषित परियोजना हिमाचल को हरित राज्य बनाने की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आगामी 2030 तक प्रदेश में 30 प्रतिशत हरित आवरण बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।