हरियाणा

स्वयंसेवकों ने शिविर के चौथे दिन की शुरूआत ओम की पवित्र ध्वनि के जाप के साथ

करनाल/टीम एक्शन इंडिया।
दयाल सिंह कॉलेज द्वारा आयोजित सात दिवसीय शिविर के चौथे दिन की शुरूआत ओम की पवित्र ध्वनि के जाप के साथ हुई। स्वयंसेवकों ने योग की विभिन्न मुद्राओं का अभ्यास किया। इसके बाद स्वयंसेवक अपनी सफाई और झाडू लगाने की सामग्री के साथ पूरे गांव में स्वच्छता अभियान के लिए तैयार हो गए। कार्यक्रम अधिकारी डा. तेजपाल ने छात्रों को संबोधित कर प्रतिदिन अपने आसपास सफाई रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने कार्यों से उदाहरण प्रस्तुत कर अन्य सभी छात्रों को दैनिक आधार पर प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने स्वयंसेवकों को इस अभियान की प्रासंगिकता बताते हुए कहा कि हम स्वच्छता के महत्व के बारे में संदेश फैलाने के लिए गांव को साफ करने जा रहे हैं। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. डिंपल खोसला ने गांव की ओर स्वच्छता अभियान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। स्वच्छता की आवश्यकता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए छात्र-छात्राओं ने जोर.शोर से स्वच्छता के नारे लगाए। स्वयंसेवकों ने ग्रामीणों से कहा कि वे अपने आसपास स्वच्छता अभियान चलायें, ताकि वे स्वयं को स्वच्छ एवं स्वस्थ रख सकें। उन्होंने कहा कि आज के समय में जो भी बीमारियां पैदा हो रही हैं, वह साफ. सफाई के अभाव में ही हो रही हैं। स्वयंसेवकों ने लोगों से स्वच्छता के महत्व को समझने और इसे अपने जीवन में आदत के रूप में अपनाने का आह्वान किया। इस संदेश को फैलाने के लिए उन्होंने गांव के सभी स्थानों की सफाई की।

डॉ. तेजपाल और उनकी टीम ने सभी सडकों पर जाकर सभी खरपतवारों को हटा दिया, सभी अतिरिक्त घास को उखाड़ कर तसलों में भरकर उसके उचित स्थान पर फेंक दिया। इसके बाद सभी सडकों की अच्छे से सफाई की गई। स्वयंसेवकों की मेहनत से ग्रामीण बहुत खुश हुए और जब वे सडक पर थे तो उन्होंने उन्हें लस्सी पिलाई। स्वयंसेवकों ने भी विभिन्न घरों में जाकर लोगों को सूखे कचरे और गीले कचरे के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कचरे को अलग-अलग करने के फायदे बताए। स्वच्छता ड्राइव और लंच ब्रेक के बाद दोपहर के सत्र में रेडक्रॉस के नरेश पाल द्वारा प्राथमिक चिकित्सा और होम नर्सिंग का प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा किसी बीमारी या चोट लगने की स्थिति में किए गए सीमित उपचार को प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना है कि घायल व्यक्ति को समुचित इलाज कराने की स्थिति में लाने में जितना समय लगे, कम से कम नुकसान हो। उन्होंने अस्थमा आपात स्थिति, तीव्रग्राहिता, बर्न्स, घुट, मधुमेह आपात स्थिति, बाहरी रक्तस्राव और गंभीर आघात,पर्यावरणीय आपात स्थिति, दिल का दौरा, विषाक्तता, गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी में चोट, आघात, दौरा जैसी विभिन्न स्थितियों में प्रशिक्षण प्रदान किया। शाम के सत्र में दयाल सिंह एनएसएस पूर्व छात्र हर्ष, रेणु, नविका, अक्षय, तनु, रोहित, गगन और विनीत ने शिविर का दौरा किया और एनएसएस के साथ अपने अनुभव साझा करके उपस्थित स्वयंसेवकों को प्रेरित किया।

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